18 जून को शनि के वक्री होते ही कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि की परेशानियां बढ़ने लगेगी। इससे बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
प्रत्येक शनिवार को शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें। अभिषेक करते समय ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप भी करते रहें। इससे आपकी परेशानियां कम हो सकती हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक शनिवार को व्रत रखें। शाम को शनिदेव की पूजा करने के बाद उड़द दाल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं और इसी से अपना व्रत खोलें।
प्रत्येक शनिवार सुबह स्नान आदि करने के बाद शनिदेव के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप के लिए काली तुलसी की माला का उपयोग करें। ये हैं शनिदेव का मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए नीलम रत्न पहनना चाहिए, लेकिन इसके पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। बिना सलाह लिए नीलम रत्न पहनने से परेशानियां और बढ़ सकती हैं।
शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि से संबंधित चीजों जैसे तेल, लोहा, कंबल, जूते-चप्पल आदि का दान जरूरतमंदों को करें। इससे भी शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहेगी।
अगर आप नीलम रत्न नहीं पहन सकते तो इसकी जगह काले घोड़े की नाल से बनी लोहे की एक रिंग यानी अंगूठी भी पहन सकते हैं। लेकिन इसके पहले भी योग्य ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।
प्रत्येक शनिवार को पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार पीपल पर जल चढ़ाने से कई देवता प्रसन्न होते हैं, शनिदेव भी इनमें से एक है।