ओडिशा के केंउझर गांव में है तारिणी माता मंदिर। मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती का स्तन गिरा था, इसलिए इसे शक्तिपीठ कहते हैं। इस मंदिर में नारियल चढ़ाने की परंपरा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, तारिणी माता मंदिर में रोज लगभग 30 हजार नारियल चढ़ाए जाते हैं। इस हिसाब से मंदिर में सालभर में लगभग 40 करोड़ मूल्य के नारियल पहुंचते हैं।
अगर आप तारिणी माता को नारियल चढ़ाना चाहते हैं तो आपको ओडिशा आने वाले ट्रक या बस के ड्राइवर को नारियल देना है, वो माता के दरबार में आपका दिया नारियल पहुंचा देगा।
ओडिशा के 30 जिलों में नारियल के लिए बॉक्स रखवाए गए हैं। वहां से गुजरने वाला ड्राइवर इनमें नारियल डाल देते हैं और वहां से इन नारियलों को मंदिर में भेज दिया जाता है।
इस मंदिर में नारियल भेजने की परंपरा 14वीं शताब्दी से चली आ रही है यानी 600 साल पहले से। मान्यता है कि नारियल चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती है और भक्तों के दुख को दूर करती है।
देवी का ये शक्तिपीठ काफी प्राचीन हैं, कईं ग्रंथों में इसका वर्णन है। वर्तमान में जो मंदिर यहां बना हुआ है उसका निर्माण केंउझर के तत्कालीन राजा गोबिंदा भंजदेव ने 1480 में करवाया था।