पीएम नरेंद्र मोदी आज 20 जनवरी, सोमवार को तमिलनाडु दौरे पर हैं। इस दौरान वे त्रिची के श्रीरंगम में स्थित रंगनाथ स्वामी मंदिर पहुंचे और पूजा-पाठ की। जानें क्यों खास है ये मंदिर…
त्रिची के श्रीरंगम में बना रंगनाथ स्वामी का ये मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों और पुराणों में मिलता है।
इस मंदिर के मुख्य देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो भगवान विष्णु का लेटा हुआ रूप हैं। कहते हैं कि पहली बार तमिल कवि कंबन ने यहां कम्ब रामायणम को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था।
रंगनाथ स्वामी मंदिर कावेरी नदी के निकट है। ये 156 एकड़ में फैला हुआ है। ये मंदिर पूरी तरह से पत्थर से बना हुआ है। इसकी विशालता को देखते हुए ही इसे धरती का वैकुंठ कहा जाता है।
कहते हैं कि भगवान रंगनाथ की जो प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है वो चोल राजा को तब मिली जह वह तोते का पीछा करता हुए जंगल में गए थे। उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
रंगनाथ स्वामी मंदिर की वर्तमान संरचना 16वीं शताब्दी के आस-पास की है। समय-समय पर चोल, पांड्या, होयसाल और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने इसका जीर्णोद्धार करवाया है।
कहते हैं कि सन 1310 में कुछ मुस्लिम आक्रमणकारी रंगनाथ स्वामी की प्रतिमा को लूटकर दिल्ली ले गए थे, बाद में रंगनाथ के भक्त इसे पुन: लेकर आए और मंदिर में स्थापित कर दिया।