केरल के अट्टुकल भगवती मंदिर में पोंगल के दौरान 10 दिन तक नारी पूजा उत्सव होता है। इसमें सिर्फ महिलाएं ही शामिल होती हैं। यहां दौरान यहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है।
राजस्थान के पुष्कर में ब्रह्माजी का एकमात्र विशाल और प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन यहां विवाहित पुरुषों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसका कारण देवी सरस्वती का श्राप बताया जाता है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कामाख्या देवी का मंदिर है। यहां सिर्फ महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है। इस मंदिर की पुजारी भी एक महिला है। यहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।
कन्याकुमारी स्थित कुमारी अम्मन मंदिर के गर्भगृह में किसी भी पुरुष को प्रवेश नहीं दिया जाता। यहां सिर्फ महिलाएं ही जा सकती हैं। यहां भगवती के कन्या रूप की पूजा होती है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित राजराजेश्वरी माता जब रजस्वला होती हैं तब यहां किसी भी पुरुष को आने की अनुमति नहीं होती, यहां तक की पुजारी भी इस दौरान गर्भगृह में नहीं आ सकते।