13 जुलाई, शनिवार की रात मध्य प्रदेश के महू जिले के एक गांव में जिंदा आदमी को अर्थी पर लेटाकर उसकी शवयात्रा निकाली गई। सुनने में ये बात भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है।
ये घटना महू के आंबा चंदन गांव की बताई जा रही है। खास बात ये भी है कि जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा यहां हर साल निकाली जाती है, जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल होते हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा को श्मशाम तक ले जा गया और इसके बाद वहां उसे अर्थी पर से उतारा गया। यहां से सभी लोग अपने-अपने घरों को लौट गए।
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, जब पर्याप्त बारिश न हो तो इंद्रदेव को प्रसन्न करने और और बारिश की कामना से जिंदा आदमी को अर्थी पर लेटाकर उसकी शवयात्रा निकाली जाती है।
मान्यता है कि जिंदा व्यक्ति को अर्थी पर लेटाकर यदि उसकी शवयात्रा निकाली जाए तो इंद्रदेव का ध्यान उसकी ओर जल्दी आकर्षित होता है और वे उस स्थान पर अच्छी बारिश करवाते हैं।
इन अनोखी परंपरा में पूरे गांव के लोग शामिल होते हैं। जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा को पूरे गांव में घुमाया जाता है। मालवा क्षेत्र में ये परंपरा काफी समय पहले से चली आ रही है।