‘मैं चाहता हूं, मेरी संतान योग्य हो, इसके लिए मुझे और मेरी पत्नी को क्या करना चाहिए।’ प्रेमानंद महाराज से ये प्रश्न एक भक्त ने पूछा। आगे जानें बाबा ने उन्हें क्या जवाब दिया…
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘गर्भावस्था के दौरान माता-पिता द्वारा किए गए अच्छे-बुरे कर्मों का फल संतान को मिलता है। इसलिए गर्भावस्था में माता-पिता को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘गर्भावस्था के दौरान माता को सात्विक आहार जैसे हरी सब्जी, दाल, रोटी आदि ही खाना चाहिए, जिससे कि शिशु का मनो-मस्तिष्क भी शुद्ध हो।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘प्रेग्नेंसी के दौरान माता को अपने आचरण शुद्ध रखना चाहिए और प्रतिदिन भगवद् चिंतन करना चाहिए और साथ ही भगवान का नाम जाप भी करना चाहिए।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘गर्भावस्था में माता को श्रीमद्भागवत का पाठ जरूर करना चाहिए। यदि माता स्वयं न कार्य न कर पाएं तो किसी के द्वारा किए गए पाठ को सुनना चाहिए।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘गर्भावस्था में माता-पिता को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए यानी सहवास भूलकर भी न करें। इसका बुरा प्रभाव शिशु के शरीर और मन पर भी पड़ता है।