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कौन है ‘सखी समुदाय’, जो देवी सीता को मानते बहन और श्रीराम को जीजा?

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22 जनवरी को विराजेंगे राम लला

22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर में राम लला की प्रतिमा स्थापित होगी। राम मंदिर के पास ही है कनक भवन। यहां रोज शाम को सखी समुदाय के लोग इस बात की खुशियां मना रहे हैं।

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अयोध्या में सबसे ज्यादा सखी

सखी समुदाय के लोग वैसे तो पूरे देश में रहते हैं, लेकिन इनकी संख्या अयोध्या में सबसे ज्यादा है। 22 जनवरी को सखी समुदाय के लोग कनक भवन में इकट्‌ठा होकर भजन-कीर्तन करेंगे।

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कौन हैं सखी समुदाय?

सखी समुदाय के लोग सीता को अपनी बहन और श्रीराम को अपना जीजा मानते हैं। सखी समुदाय में किन्नर मुख्य होते हैं। लेकिन कोई भी स्त्री-पुरुष सखी समुदाय का हिस्सा बन सकता है।

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जब श्रीराम जा रहे थे वनवास

जब श्रीराम वनवास पर जा रहे थे तो सभी नगरवासी उन्हें नगर की सीमा तक छोड़ने आए। यहां श्रीराम ने कहा कि सभी नर-नारी यहां से अयोध्या अपने-अपने घर लौट जाएं।

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किन्नरों ने किया इंतजार

श्रीराम ने नर-नारी को तो जाने को कहा लेकिन किन्नरों को बारे में कुछ नहीं कहा। तब किन्नरों ने फैसला किया कि वे 14 साल तक वहीं अपने राजा भगवान श्रीराम का इंतजार करेंगे।

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श्रीराम ने बुलाया अयोध्या में

जब 14 साल बाद श्रीराम अयोध्या लौटे तो उन्होंने किन्नरों को वहीं खड़ा पाया। कारण पूछने पर उन्होंने सारी बात बता दी। तब श्रीराम ने उन्हें अयोध्या में चलकर रहने को कहा।

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एक मान्यता ये भी

सखी समुदाय से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि ये देवी सीता के साथ उनकी सेवा के लिए यहां आए थे। तभी ये लोग अयोध्या को ही अपनी अंतिम भूमि मानते हैं और यहीं रहते हैं।

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देते हैं श्रीराम को गाली

सखी समुदाय के लोग राम के लिए गारी गाते हैं। गारी या गाली, लेकिन इसमें अपशब्दों का उपयोग नहीं होता। मान्यता है कि ये गारी भगवान श्रीराम की लंबी उम्र के लिए गाई जाती है।

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