धरती के कईं नाम है, उन्हीं में से एक है पृथ्वी। क्या आप जानते हैं धरती को ये नाम किसने दिया? बहुत कम लोगों को इसके बारे में पता है। आगे जानिए धरती का नाम पृथ्वी कैसे पड़ा…
श्रीमद्भागवत में भगवान विष्णु ने 24 अवतारों का वर्णन हैं। इन्हीं में से एक है राजा पृथु का अवतार। राजा पृथु के पिता का नाम वेन था। राजा पृथु का जन्म वेन की भुजा से हुआ था।
पृथु को ऋषि-मुनियों ने धरती का पहला राजा स्वीकार किया था। राजा पृथु के समय धरती पर उबड़-खाबड़ थी। इस पर खेती भी नही होती थी। न तो यहां झीलें थी न हीं अन्य कोई जल स्त्रोत।
राजा पृथु ने धरती की जब ये स्थिति देखी तो उन्होंने धरती को समतल किया। उन्होंने नदी, तालाब आदि के लिए स्थान सुनिश्चित किए और लोगों को खेती के लिए प्रेरित किया।
राजा पृथु ने ही सामाजिक व्यवस्था की आधारशीला रखी। इस तरह संसार में कृषि एवं सामाजिक व्यवस्था की शुरूआत हुई। पृथु ने धर्म पूर्वक अपनी प्रजा की सेवा की।
राजा पृथु ने धरती को अपनी पुत्री रूप में स्वीकार किया और उन्होंने ही इसका नाम पृथ्वी रखा। शतपथ ब्राह्मण नामक ग्रंथ में इस बात का उल्लेख किया गया है।