अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को यहां राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस ऐतिहासिक काम के लिए यही तारीख क्यों चुनी गई? आगे जानिए इसका कारण…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 22 जनवरी 2024 को सूर्योदय द्विपुष्कर योग में होगा, जो सुबह 07:13 तक रहेगा। इस योग में किए गए शुभ कामों का दोगुना फल मिलता है।
22 जनवरी 2024 को अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग दिन भर रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में ये दोनों योग बहुत ही शुभ बताए गए हैं। इन योगों में किया गया काम सफलता प्रदान करता है।
पंचांग के अनुसार, 22 जनवरी 2024 को मृगशिरा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। वहीं इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
22 जनवरी 2024 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इस तिथि के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं। श्रीराम भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। इसलिए भी ये दिन खास रहेगा।
22 जनवरी 2024 को कूर्म द्वादशी का व्रत किया जाएगा। ये व्रत भगवान विष्णु के कच्छप अवतार से संबंधित है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था।
22 जनवरी को ही सोम प्रदोष व्रत भी किया जाएगा। सोमवार को प्रदोष तिथि का संयोग बहुत कम बनता है और ये साल 2024 का पहला सोम प्रदोष भी रहेगा। इसलिए ये दिन खास रहेगा।
22 जनवरी को चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा। सूर्य मकर राशि में, शनि स्वराशि कुंभ में, गुरु अपने मित्र मंगल की राशि मेष में रहेगा। ग्रहों की ये स्थिति शुभ फल देने वाली है।