Hindi

Paris Olympic 2024: 11 साल में हुए अनाथ, जानें अमन सहरावत का संघर्ष

Hindi

भारत के लिए एक और मेडल लाए अमन सहरावत

भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने शुक्रवार पेरिस ओलंपिक 2024 के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सातवां मेडल है।

Image credits: Instagram
Hindi

कौन है अमन सहरावत

16 जुलाई 2003 को हरियाणा के झज्जर में जन्मे अमन को बचपन से ही बहुत संघर्ष करना पड़ा। दरअसल, 11 साल की उम्र में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था।

Image credits: Instagram
Hindi

पहले मां फिर पिता का उठा साया

जब अमन सहरावत 11 साल के थे तो सबसे पहले उनकी मां कमलेश की हार्ट अटैक से और फिर 6 महीने बाद पिता की पत्नी के सदमे से मौत हो गई थी। इसके बाद अमन को पाई-पाई के लिए मोहताज होना पड़ा।

Image credits: Instagram
Hindi

छोटी बहन की जिम्मेदारी उठाई

माता-पिता के देहांत के बाद अमन के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया, क्योंकि उनकी एक छोटी बहन भी हैं। जिनकी पढ़ाई का खर्चा अमन के कंधों पर है।

Image credits: Instagram
Hindi

हाल ही में लगी रेलवे में नौकरी

अमन सहरावत की कुछ समय पहले ही रेलवे में नौकरी लगी। जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी ठीक हुई। वह लगातार 2 साल से नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीत रहे हैं।

Image credits: Instagram
Hindi

बचपन से ही पहलवान बनना चाहते थे अमन

अमन बचपन से ही पहलवान बनना चाहते थे, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उन्हें पहले अपनी जिम्मेदारी निभाने पड़ी। फिर दिल्ली में कोच प्रवीण दहिया से ट्रेनिंग ली। 

Image credits: Instagram
Hindi

2021 में जीता पहला खिताब

अमन ने 2021 में नेशनल चैंपियनशिप खिताब जीता। 2022 में U-23 एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। अप्रैल 2023 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड और 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

Image credits: Instagram
Hindi

रवि कुमार दहिया की जगह चुने गए अमन सहरावत

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि कुमार दहिया की जगह अमन सहरावत को चुना। वह पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान हैं। 

Image Credits: X