हरियाणा के नूंह में हिंसा का शिकार हुए फतेहाबाद के गांव फतेहपुरी निवासी होमगार्ड जवान गुरसेवक की पार्थिव देह पर तिरंगा ध्वज नहीं होने से भड़के लोग
होमगार्ड जवान गुरसेवक का 2 अगस्त को पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, इस दौरान जैसे पूरा गांव उमड़ पड़ा था
होमगार्ड जवान गुरसेवक की देह पर तिरंग ध्वज नहीं होने से परिजन नाराज हो उठे, करीब घंटे भर तक क्रिया-कर्म रुका रहा, बाद में झंडा मंगाया गया
गुरसेवक के 4 वर्षीय बेटे एकम ने मुखाग्नि दी, इस मौके पर राजनीतिक दलों के नेता, SP आस्था मोदी भी मौजूद रहीं
गांववालों को ऐतराज था कि गुरसेवक की देह को तिरंगे में लपेटकर लाना था, होमगार्ड को शहीद का दर्जा नहीं दिया, इसे गांववालों ने नाइंसाफी करार दिया
32 वर्षीय गुरसेवक 10 वर्ष पहले होमगार्ड में थे, वे फतेहाबाद जिले में तैनात थे, 7 जुलाई को ही उसे अस्थायी रूप से गुरुग्राम में भेजा गया था
गुरसेवक पुलिस टीम के साथ गुरुग्राम से नूंह जा रहा था, तभी उपद्रवियों ने गाड़ी पर पथराव और फायरिंग कर दी थी, इसमें गुरुसेवक की जान चल गई
गुरसेवक सिंह के पिता साहसी सिंह किसान हैं, उसके दो बच्चे-6 वर्ष की बेटी व 4 वर्ष का बेटा है
गुरसेवक के परिजनों को 57 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी, हालांकि परिजन किसी परिजन के लिए नौकरी मांग रहे हैं