अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही AAP में हलचल बढ़ती जा रही है। पंजाब से एकलौते सांसद सुशील कुमार टिंकू ने बीजेपी जॉइन कर ली है। ऐसा लग रहा है पूरी पार्टी ही संकट में है।
AAP के 7 सांसदों ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं किया है। उनके तर्क भी अजीबोगरीब हैं। 10 राज्यसभा सांसदों में से ज्यादातर केजरीवाल के पक्ष में दिखाई भी नहीं दिए।
AAP सांसद राघव चड्ढा पार्टी की रीढ़ हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ट्विटर पर एक्टिव हैं लेकिन जमीन से गायब। लंदन से आंख सर्जरी करवाकर मार्च में ही आना था लेकिन अब तक वहीं हैं।
दिल्ली से पहली बार सांसद स्वाती मालीवाल आप की तेजतर्रार नेता और केजरीवाल की करीबियों में शामिल हैं। वह अमेरिका में अपनी बहन का इलाज करा रही हैं, सिर्फ सोशल मीडिया से ही एक्टिव हैं।
पूर्व क्रिकेटर हरभजन ने पंजाब से AAP के राज्यसभा सांसद हैं लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी से उन्हें कोई मतलब नहीं। हरभजन विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने से सीधे मना कर देते हैं।
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फाउंडर और आप सांसद अशोक मित्तल पार्टी गतिविधियों में दूर हैं। केजरीवाल गिरफ्तारी के प्रदर्शन में न शामिल होने पर कहते हैं उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया।
पंजाब से एक और सांसद संजीव अरोड़ा भी विरोध-प्रदर्शन से दूर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 24 मार्च को सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की और पार्टी के लिए लुधियाना में काम कर रहे हैं।
पर्यावरण कार्यकर्ता और पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद सीचेवाल पार्टी के विरोध प्रदर्शन से दूर हैं। खुद को धर्मनिष्ठ बताकर ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने का कारण दे रहे हैं।
सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी भी पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर चुप हैं। पिछले दिनों एक वीडियो में जब केजरीवाल को लेकर पूछा गया तो दो शब्द भी नहीं बोल पाए।