असम के बड़े त्यौहार बिहू के बारे में दिलचस्प फैक्ट्स
बिहू असम का एक पारंपरिक त्यौहार है। असम एक कृषि प्रधान राज्य है। इस 7 दिवसीय त्यौहार के जरिये लोग कृषि देवता को अच्छी फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं
Other States Apr 14 2023
Author: Amitabh Budholiya Image Credits:Our own
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साल में तीन बार होता है बिहू
बिहू साल में तीन बार अलग-अलग महीनों में मनाया जाता है। भोगाली बिहू, बोहाग बिहू और कंगाली बिहू। जनवरी, अप्रैल के बाद यह अक्टूबर में मनाया जाता है
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14 अप्रैल से बोहाग बिहू का आगाज
बोहाग बिहू का 14 अप्रैल से आगाज हो रहा है। बैसाख की पहली रात से यह शुरू होता है। लोग किसी पुराने पेड़ के नीचे या खुले मैदान में एकत्रित होकर धूमधाम से यह उत्सव मनाते हैं
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बिहू के सातों दिन अलग-अलग नाम
बोहाग बिहू 7 दिन मनाया जाता है। इन सातों दिनों में इसके अलग-अलग नाम होते हैं। राती बिहू, चट बिहू, गोरू बिहू, मनु बिहू, कुतुम बिहू, मेल बिहू और चेरा बिहू
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बिहू असम का सबसे लोकप्रिय डांस
बिहू असम के सबसे ज्यादा प्रचलित लोक नृत्य को नाम दिया गया नाम है। इसका हर उम्र और अमीर-गरीब सब भरपूर आनंद उठाते हैं
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ये है बिहू डांस की खासियत
बिहू डांस में तेजी से कदम उठाना, हाथों को उछालना, चुटकी बजाना और कूल्हे मटकाना शामिल है। इसमें धोती-कुर्ता, गमछा-चादर या मेखला पहनना अनिवार्य होता है।
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बिहू के कुछ खास असमिया पकवान
असम में बिहू एक पंरपरा है, जीवशैली है। इस त्यौहार पर दही चिवड़ा के अलावा नारियल, चावल, तिल और दूध से बने पकवान तैयार होते हैं। मच्छी पीतिका, बेंगेना खार और घिला पीठा भी बनते हैं
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बिहू में भैंसे के सींग से बनी तुरही
बिहू में डांसर ढोल की सम्मोहक थाप और भैंसे के सींग से बनी तुरही; जिसे पेपा कहते हैं की धुनों पर थिरकते हैं। यह असमिया जीवन शक्ति का सर्वश्रेष्ठ रूप होता है