गोलगप्पा या पानीपुरी को देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। खासकर महिलाएं तो इसे डेली बड़े ही चाव से खाती हैं। लेकिन जांच में सामने आया है वो जानकर गोलगप्पे खाना छोड़ देंगे।
कर्नाटक में लिए गए सैंपलों में पाया गया कि गोलगप्पे के पाी में ब्रिलियंड ब्लू, सनसेट येलो और टार्ट्राजिन जैसे केमिकल्स मिले जो कई स्वास्थ्य के लिए हानीकारक हैं।
FSSAI के फूड स्टैंडर्ड क्वालिटी चैक में बताया गया है कि अधिकतर दुकानों पर गोलगप्पे का पानी शुद्ध नहीं होता, इसमें पुदीने की जगह सिंथेटिक कलर का इस्तेमाल किया जाता है।
सिंथेटिक कलर का ज्यादा सेवन करने से पेट और आंतों पर असर पड़ता है। यह कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी का भी कारण बन सकता है।
बताया गया है कि गोलगप्पे का सही पानी इमली का पानी हल्का भूरा होता है। अगर वो पानी धनिया या पुदीने का है तो उसका रंग गहरा हरा होता है। इसमें एसिड मिला है तो पेट दर्द होने लगता है।
कर्नाटक से लिए गए पानीपूरी के 260 सैंपलों में 41 असुरक्षित पाए गए हैं। यानि राज्य में बेचे गए पानीपुरी के लगभग 22% नमूने क्वालिटी स्टैंडर्ड पर पूरी तरह फेल निकले।
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने फूड कलरिंग एजेंट रोडामाइन-बी पर भी रोक लगाई थी। लेकिन इसका इस्तेमाल फिर होने लगा है। यह कलर मंचूरियन और कॉटन कैंडी जैसी चीजों में यूज होता है।