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तवांग में तैनात सैनिकों के लिए वरदान है सेला टनल, जानें क्या है खास

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हर मौसम में तवांग बॉर्डर पर कनेक्टिविटी होगी आसान

असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाली सेला सुरंग बनने से चीन से सटे तवांग बॉर्डर तक हर मौसम में कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। यहां सैनिकों की तैनाती, हथियार व मशीनरी सप्लाई हो सकेगी।

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13 हजार फीट ऊंचाइ पर बनी सुरंग

असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले ये सुरंग 13 हजार फीट ऊंचाई पर बनी हुई है। इस टनल को बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन ने बनाया है और इसकी एक्चुअल कॉस्ट 825 करोड़ है। 

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सेला टनल प्रोजेक्ट में एक साथ दो सुरंग

सेला टनल प्रोजेक्ट में एक साथ दो सुरंग बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट में पहली सुरंग 1003 मीटर लंबी बनाई गई है तो दूसरी की लंबाई 1595 मीटर है। इस सुरंग से 4000 गाड़ियां रोज गुजर सकेंगी।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सेला टनल का उद्घाटन किया

पीएम मोदी ने आज असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले इस सेला टनल का उद्घाटन कर दिया है। 

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13 हजार फीट ऊंचाई पर बनी सुरंग

ठंड के मौसम में भूस्खलन और बर्फबारी के दौरान बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग बंद हो जाता है। लोगों को 13000 फीट ऊंचाई पर बर्फबारी में जाना पड़ता था। अब टनल बनने से सुविधा हो जाएगी।

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सेल सुरंग बनने से होगा सामाजिक आर्थिक विकास

सुरंग के अंदर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है। दुर्घटना होने पर रेस्क्यू के लिये बीच मे गेट बनाए गए हैं। सुरंग बनने से लोगों का सामाजिक आर्थिक विकास होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. 

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