कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के अलग-अलग ठिकानों से अब तक 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश मिल चुका है। यहां तक कि नोट गिनते-गिनते मशीनें भी हांफ उठी हैं।
6 दिसंबर को आयकर विभाग ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। इसके बाद 8 दिसंबर से 40 मशीनों से नोटों की गिनती शुरू हुई।
कांग्रेस सांसद धीरज साहू का जन्म 23 नवंबर 1955 को रांची में हुआ था। धीरज साहू रसूख परिवार से हैं। इनकी फैमिली बहुत पहले से कांग्रेस से जुड़ी रही है।
धीरज साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू और मां का सुशीला देवी है। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी चुनाव प्रचार के दौरान जब भी झारखंड आतीं तो साहू परिवार में रुकती थीं।
देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी धीरज साहू के घर जा चुके हैं। यहां तक कि सांसद-विधायकों के टिकट से लेकर मंत्री पद तक एक समय इसी परिवार की सिफारिश से डिसाइड होता था।
धीरज साहू के भाई शिव प्रसाद साहू रांची के सांसद रह चुके हैं। उन्हें इंदिरा गांधी का बेहद करीबी माना जाता था। लोहरदगा में स्थित साहू परिवार के घर को 'व्हाइट हाउस' कहा जाता है।
धीरज साहू 6 भाई हैं। उनके अलावा शिव प्रसाद साहू, नंदलाल साहू, उदय साहू, गोपाल साहू और किशोर साहू हैं। इनमें रांची से सासंद रहे शिवप्रसाद और नंदलाल साहू अब इस दुनिया में नहीं हैं।
धीरज साहू का एक बेटा है, जिसका नाम हर्षित है। 2018 में चुनावी हलफनामे में धीरज साहू ने अपनी संपति 34.83 करोड़ रुपए बताई थी। वहीं उनकी देनदारियां 2 करोड़ से ज्यादा थीं।
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, धीरज साहू के पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक BMW और एक पजेरो कार है। धीरज के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था।