ग्वालियर राजघराने की राजमाता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन हो गया। राजवंश बेटी थीं और शादी के बाद शाही परिवार की बहू बनीं। उनकी शादी की कहानी बेहद दिलचस्प है।
बताया जाता है कि महाराजा माधवराव सिंधिया को सैंकड़ों लड़कियां शादी के लिए पसंद नहीं आई थीं। लेकिन जब नेपाल की राजकुमारी की तस्वीर देखी थी तो उन्हें पहली नजर में पसंद आ गई थीं।
माधवराव सिंधिया के लिए अलग-अलग जगह से तस्वीर आ रही थीं। एक तस्वीर माधवी राजे की थी। जिसे देखते ही वह दिल दे बैठे थे। परिवार से कह दिया था कि यह लड़की पसंद है।
माधवराव सिंधिया ने शादी से पहले कहा था कि वह शादी से पहले एक बार माधवी राजे से मिलना चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और शादी हो गई। यानि मिलने की हसरत पूरी नहीं हो पाई थी।
8 मई 1966 को हुई माधवी राजे और माधवराज सिंधिया की शादी खूब चर्चा में रही थी। क्योंकि बारात के लिए ग्वालियर से दिल्ली के बीच में स्पेशल ट्रेन चलवाई गई थी।
माधवी राजे का शादी से पहले का नाम किरण राज लक्ष्मी था। वह नेपाल के राजवंश की बेटी हैं। उनके पिता जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे। जो कि नेपाल के प्रधानमंत्री भी रहे हैं।