किसी भी प्रदेश में मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर ग्रहमंत्री होता है जिसके पास ग्रह विभाग होता है। लेकिन गृह मंत्रालय सीएम मोहन यादव ने किसी को नहीं देकर अपने पास रखा है।
गृह मंत्रालय के बाद दूसरा बड़ा मंत्रालय वित्त विभाग मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को दिया गया है। हालांकि उन्हें इसका अनुभव है, पिछली बार भी वो वित्तमंत्री थे।
तीसर नंबर है सबसे ज्यादा 28 हजार करोड़ रुपए के बजट वाला मंत्रालय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जो कि कैबिनेट मिनिस्टर प्रहलाद पटेल को दिया गया है।
वहीं प्रदेश के सबसे सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय को13 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। जिसकी गिनती पारवफुल मंत्रालय में होती है।
बजट के मामले में सबसे अधिक बजट वाले स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मिनिस्टर राव उदय प्रताप सिंह को दी गई है। जो कि करीब 27 हजार करोड़ रुपए का विभाग है।
राज्य के दूसरे डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को भी पावरफुल मंत्रालय दिया गया है। उन्हें इस बार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदरी सौंपी है। जिसका बजट ढाई हजार करोड़ है।
सांसद से कैबिनेट मंत्री बने राकेश सिंह को पीडब्ल्यूडी विभाग दिया गया है। जो कि अहम मंत्रालय है। जिसका बजट 7500 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
सिंधिया खेमे के मंत्री तुलसी सिललट को भी अहम विभाग दी गया है। उन्हें 14.46 करोड़ा का जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें पिछली बार भी यह मंत्रालय मिला था।
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग को इस बार खेल एवं युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले वो शिवराज सरकार में सहकारिता विभाग संभाल चुके हैं।