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आखिर क्यों 10 घंटे की कठिन तपस्या कर रहे पं. धीरेंद्र शास्त्री?

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बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की रहस्यमयी तपस्या

बागेश्वर धाम में 10 घंटे की साधना में लीन पंडित धीरेंद्र शास्त्री! सिर्फ एक गिलास दूध और तेज धूप में कठिन तप! आखिर क्या है इस अलौकिक साधना का मकसद?

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धीरेंद्र शास्त्री की साधना: क्या खुलने वाला है कोई दिव्य रहस्य?

हनुमंत साधना की शुरुआत 4 मई 2025 से शुरू हो चुकी है, जो 8 मई 2025 तक तपस्या चलेगी। राष्ट्र और धर्म के लिए कर रहे कठिन आत्म अनुशासन के पीछे उनका खास मकसद है।

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5 दिन तक एकांतवास में रहेंगे धीरेंद्र कृष्ण

एमपी के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री 5 दिनों तक एकांतवास में रहकर साधना कर रहे हैं। शास्त्री किसी से नहीं मिल रहे, ध्यान, जप और मौन में लीन।

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केवल एक गिलास दूध और बिना आराम! भीषण गर्मी में तप कर रहे शास्त्री

शरीर को तपाकर आत्मा को शुद्ध करने की साधना, हर पल राष्ट्र को समर्पित भाव! अनुशासन का ऐसा उदाहरण विरले ही मिलता है।

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भोपाल इंजीनियरिंग कालेज कांड पर मां-बाप से की थी ये अपील

हाल ही में यात्रा से लौटे धीरेंद्र कृष्ण इसके पहले  भोपाल में इंजीनियरिंग छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग केस पर माता-पिता से बच्चों को संस्कारी बनाने का आग्रह किया था।

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‘हर घर में धीरेंद्र शास्त्री चाहिए’, क्या है इस वाक्य के पीछे संकेत?

उन्होंने कहा, “कुछ लोग देश को गजवा-ए-हिंद बनाना चाहते हैं ।” उनका मानना है कि "जब तक हर घर में एक संस्कारी शास्त्री नहीं होगा, तब तक भारत सशक्त राष्ट्र नहीं बन सकता।"

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राष्ट्र और धर्म के लिए संकल्प

पंडित शास्त्री की यह तपस्या हिंदू एकता और राष्ट्र को मजबूत करने के संकल्प के साथ की जा रही है। उनका कहना है – हर घर में राष्ट्रभक्त चेतना जगे।

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अंग्रेजी के साथ संस्कार भी जरूरी

शास्त्री ने कहा – बच्चों को अंग्रेजी जरूर सिखाएं लेकिन इतना भी न बढ़ाएं कि वे अपनी संस्कृति और धर्म से भटक जाएं या दूसरे मजहब में उलझ जाएं।

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एकांतवास में 5 दिन की तपस्या का क्या है मकसद?

8 मई तक चलने वाली इस साधना के बाद पंडित शास्त्री कोई नया आध्यात्मिक या सामाजिक संदेश दे सकते हैं। सेवक बोले – यह तपस्या एक परिवर्तन का संकेत है।

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