गुरु रविदास उर्फ गुरु रैदास मध्यकाल(13वीं से 16वीं शताब्दी तक) में एक भारतीय संत कवि सतगुरु थे, इन्हें संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई है
रविदासी ने रैदासी पंथ की स्थापना की थी, इनके रचे कुछ भजन सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं, इन्होंने जात-पात को नकारा और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया था
रैदास को मीराबाई का गुरु माना जाता है, मीराबाई राजस्थान के जोधपुर की मेड़वा राजकुल की राजकुमारी थीं, वे 16वीं शताब्दी की एक महान कृष्णभक्त और कवियित्री थीं
गुरु रैदास का जन्म काशी में संवत 1377 को हुआ था, उनका एक दोहा प्रचलित है-चौदह सौ तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास...दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री गुरु रविदास जी
लोदी वंश के दूसरे शासक सिकंदर लोदी उर्फ निजाम खां (1489 से 1517) ने रैदास से प्रभावित होकर उन्हें दिल्ली बुलाया था, कबीरदास ने उन्हें 'संतन में रविदास' कहा था
PM मोदी के प्रयासों से मप्र के सागर जिले में 100 करोड़ की लागत से 11.25 एकड़ जमीन पर बन रहे संत रविदास स्मारक में उनसे जुड़ा साहित्य और अन्य चीजें रखी जाएंगी