भारत अब समुद्री सेतु निर्माण में भी एक नया इतिहास रचने जा रहा है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में नया पंबन ब्रिज, देश का पहला वर्टिकल-लिफ्ट सी ब्रिज है।
यह ब्रिज 2.07 Km लंबा है और रामेश्वरम द्वीप को मंडपम की मुख्य भूमि से जोड़ता है। इसमें 72.5 मीटर का नेविगेशन स्पैन है, जिसे 17 मीटर ऊंचा उठा सकते हैं ताकि जहाज़ नीचे से गुजर सकें।
यह ब्रिज 80 किमी/घंटा तक की ट्रेन स्पीड के लिए डिज़ाइन किया गया है। 550 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह पुल 100 साल तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ये ब्रिज दोहरी रेलवे लाइन के लिए सक्षम सब-स्ट्रक्चर है। इसका स्टेनलेस स्टील रिइनफोर्समेंट और पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग से जंग-रहित निर्माण किया गया है।
यह पुल पूरी तरह वेल्डेड जॉइंट्स और हाई-ग्रेड पेंटिंग टेक्नोलॉजी से बना है। इसमें "रिलेशनशिप थ्योरी बेस्ड ऑटो लॉन्चिंग" जैसी अत्याधुनिक विधि का उपयोग किया गया है।
PAUT तकनीक द्वारा वेल्डिंग की जांच की जा सकती है। इस ब्रिज की तुलना विश्व प्रसिद्ध गोल्डन गेट ब्रिज (USA), टॉवर ब्रिज (UK) और ओरेसंड ब्रिज (Denmark-Sweden) से की जा रही है।
1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज को ब्रिटिश इंजीनियरों ने डिज़ाइन किया था। इसमें मैन्युअली संचालित शेरज़र स्पैन था, जिसे 81 डिग्री तक ऊपर उठाया जा सकता था।
पुराने पंबन ब्रिज को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। नया पंबन ब्रिज देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती ताकत और टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
100 साल तक टिकने वाले समुद्री ब्रिज को रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने बनाया है और IIT मद्रास ने इसकी टेक्नोलॉजी को वेरीफाई किया है।