मराठा आंदोलन के प्रमुख मनोज जारंगे ने सरकार को दिसंबर तक आरक्षण तय करने का समय दिया है। सरकार के तय समय तक रिजर्वेशन न देने पर 2 जनवरी से आंदोलन होगा।
मनोज जारंगे ने सरकार के सामने अपनी चार मांगें भी रखी जिसपर सहमति के बाद वह आंदोलन खत्म करने पर राजी हुए।
मनोज जारंगे की पहली मांग में मराठा समाज को पूर्ण आरक्षण की मांग की गई। उन्होंने कहा कि अपने घर तभी लौटेंगे जब हर मराठा को आरक्षण का लाभ मिलेगा।
कोटा में आंदोलन करने वाले कार्यकर्ताओं और लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को खारिज कर दिया जाए।
मराठा समाज को आर्थिक, समाजिक और पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए सरकार की ओर से धन उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए बाकायदा टीम गठित कर इस दिशा में काम किया जाए।
मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने वाला सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए और इसमें ‘संपूर्ण’ शब्द शामिल होना जरूरी किया जाए।