Maharashtra

दो माह की मोहलत और इन शर्तों के साथ मराठा आंदोलन पर विराम, यहां देखें

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मनोज जारंगे ने सरकार को दिसंबर तक का दिया समय

मराठा आंदोलन के प्रमुख मनोज जारंगे ने सरकार को दिसंबर तक आरक्षण तय करने का समय दिया है। सरकार के तय समय तक रिजर्वेशन न देने पर 2 जनवरी से आंदोलन होगा। 

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मनोज जारंगे ने सरकार के सामने रखी चार मांगें

मनोज जारंगे ने सरकार के सामने अपनी चार मांगें भी रखी जिसपर सहमति के बाद वह आंदोलन खत्म करने पर राजी हुए।

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पहली मांग: मराठा समाज को पूर्ण आरक्षण दिया जाए

मनोज जारंगे की पहली मांग में मराठा समाज को पूर्ण आरक्षण की मांग की गई। उन्होंने कहा कि अपने घर तभी लौटेंगे जब हर मराठा को आरक्षण का लाभ मिलेगा। 

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दूसरी मांग:

कोटा में आंदोलन करने वाले कार्यकर्ताओं और लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को खारिज कर दिया जाए।

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तीसरी मांग: मराठा समाज के उत्थान के लिए सरकार दे आर्थिक मदद

मराठा समाज को आर्थिक, समाजिक और पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए सरकार की ओर से धन उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए बाकायदा टीम गठित कर इस दिशा में काम किया जाए।

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चौथी मांग: मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने वाला आदेश पारित हो

मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने वाला सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए और इसमें ‘संपूर्ण’ शब्द शामिल होना जरूरी किया जाए। 

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