शिवसेना 19 जून को अपना स्थापना दिवस मना रहा है। बाल ठाकरे ने 19 जून, 1966 को इसकी स्थापना की थी
महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में बाला साहेब ठाकरे एक मिसाल हैं, कभी शिवसेना का सिंबल टाइगर हुआ करता था
जून, 2022 में एकनाथ शिंदे ने 39 MLAs के साथ शिवसेना से विद्रोह किया था, इसके बाद भाजपा के सहयोग से महाराष्ट्र में CM बने
सुप्रीम कोर्ट से केस जीतकर एकनाथ शिंदे को ऑरिजनल पार्टी नाम यानी 'शिवसेना' और उसका सिम्बल-'धनुष और तीर' मिला
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे को अपनी शिवसेना का नाम-उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखना पड़ा है, इसका सिंबल हाथ में मशाल है
सुजाता आनंद की किताब-'हिंदू ह्रदय सम्राट' के अनुसार आर्किटेक्ट माधव देशपांडे और बाल ठाकरे सहित 2-3 लोगों ने हिंदुओं को एकजुट करने शिवसेना बनाई थी
80 के दशक में मुंबई में शिवसेना का एकछत्र राज था। फिल्ममेकर्स हों या बिजनेसमैन; सब बाल ठाकरे के घर मातोश्री में हाजिरी देने लगे थे
कहने को तो शिवसेना का गठन कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ हुआ था, लेकिन 1975 की इमरजेंसी के बाद 1977 के इलेक्शन में शिवसेना ने इंदिरा गांधी का समर्थन करके सबको चौंका दिया था
एक समय था, जब शिवसेना का अखबार 'सामना' महाराष्ट्र की राजनीति का बदलने का माद्दा रखता था, इसका प्रकाशन 1989 में हुआ था
भाजपा और शिवसेना ने 1990 में पहली बार मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन 2019 में दोनों अलग हो गए, 2022 में शिवसेना दो फाड़ हो गई