गणगौर पर्व पर आपने हमेशा राजधानी जयपुर में निकलने वाली गणगौर की सवारी के बारे में सुना होगा। लेकिन वहां से भी ज्यादा प्रसिद्ध जोधपुर की गणगौर है।
जिसे केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की सबसे सुंदर गणगौर माना जाता है। इतना ही नहीं यह इकलौती ऐसी गणगौर है जिसका खुद का बैंक अकाउंट है।
इनकी शोभायात्रा में लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। 1952 से इसकी शुरुआत हुई थी। शोभायात्रा से पहले गणगौर को सोने के जेवरात पहनाए जाते हैं।
सोने के जेवरात की कीमत भी करीब एक करोड़ से ज्यादा होती है। गणगौर की शोभायात्रा होने के बाद उनके गहनों को उनके नाम से ही खुलवाए बैंक खाते में जमा करवा दिया जाता है।
आज जोधपुर में शोभायात्रा राखी हाउस से रवाना होकर कबूतर का चौक, जालोरी गेट होते हुए शहर भ्रमण करने के बाद वापस राखी हाउस आएगी।
गणगौर की इस प्रतिमा को सजाने के लिए करीब 15 दिन पहले से ही काम शुरू हो जाता है। जोधपुर में गणगौर की यह शोभायात्रा एक बेहतरीन अनुभव होती है।