चित्तौड़गढ़ का किला राजस्थान के इतिहास का अनमोल हिस्सा है। कुम्भा पैलेस, पद्मिनी महल और कीर्ति स्तंभ जैसे स्थल इसकी शान हैं। जानिए चित्तौड़गढ़ किले के बारे में विशेष जानकारी।
यहां स्थित चित्तौड़गढ़ किला सातवीं शताब्दी में बनाया गया था। राजा चित्रांगद द्वारा इस किले का निर्माण कराया गया। यह किला करीब 18 किमी एरिया में फैला है।
यहां आपको एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए ऑटो लेना पड़ता है। चित्तौड़ में स्थित राणा कुंभा पैलेस किले के अंदर ही बना है। जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है।
इस पैलेस से जुड़ी एक मान्यता है कि उदयपुर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह का जन्म इसी जगह हुआ था। किसी जमाने में मीराबाई का घर भी यही था।
चित्तौड़गढ़ किले में ही 1448 में कीर्ति स्तंभ का निर्माण कराया गया, जो 37.19 मीटर लंबा है। 9 मंजिल के इस स्तंभ में देवी देवताओं की अलग-अलग मूर्तियां भी बनी हुई है।
किले में ऊपर काली मां का मंदिर भी है। इसे चित्तौड़गढ़ की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता हैं। दोनों नवरात्रि में यहां भीड़ लगती है। अन्य दिनों में भी पर्यटक मंदिर में दर्शन करते हैं।
चित्तौड़गढ़ में सीतामाता वन्य जीव अभ्यारण मौजूद है। यहां पैंथर सहित कई वन्य जीव है। यदि आप वाइल्डलाइफ के शौकीन हैं तो इस अभ्यारण में जरूर घूमें। इसके लिए अलग से शुल्क लगता है।
चित्तौड़गढ़ में ही पद्मिनी महल मौजूद है। रानी पद्मिनी रावल सिंह से शादी के बाद यही रहती थी। रानी पद्मिनी के आत्म बलिदान से संबंधित एक ऐतिहासिक स्मारक पद्मिनी महल को माना जाता है।