जब भी राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के सांवलिया मंदिर की बात आती है तो लोगों की जुबान पर एक बात जरूर रहती है यहां हर महीने करोड़ों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।
इस मंदिर की खासियत है कि इसकी दीवारें सोने-चांदी से मिलकर बनाई गई हैं। जिसमें 18 किलो सोना और 100 किलो चांदी काम में ली गई है।
सोने की दीवारें बनाने के लिए गुजरात से मशीन भी मंगवाई गई। 3 महीने तक इस दीवार का काम चला। विशेष तौर पर सुरक्षा गार्ड भी लगाए गए और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ही पूरा काम हुआ।
सांवलिया जी मंदिर का भंडारा या दानपात्र पूरी दुनिया में मशहूर है। क्योंकि करोड़ों का दान आता है। यह पेटी माह में एक बार चतुर्दशी को खुलता है, पैसे गिनने के लिए मशीन लगानी पड़ती है।
सांवलिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ से उदयपुर के और जाने वाले एनएच पर है जो कि भादसोड़ा ग्राम में स्थित है। जो चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी और डबोक एयरपोर्ट से 65 किमी की दूर है।
सांवालिया सेठ मंदिर में काफी चढ़ावा एकत्रित हो गया था, ऐसे में कलेक्टर और मंदिर कमेटी ने निर्णय लिया कि मंदिर की दीवारें सोने-चांदी की बनवाई जानी चाहिए।