राजस्थान के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली ढोली मीणा ने यूरोप के सबसे खतरनाक और ऊंचे ज्वालामुखी माउंट एटना (इटली) पर घाघरा-लुगड़ी पहनकर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
ढोली मीणा, दौसा जिले के एक छोटे से गांव की हैं। उनके शादी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के एक अधिकारी से हुई है। इसी वजह से वह लंबे समय से यूरोप में रह रही हैं।
विदेश में रहने के बाद भी ढोली मीणा अपनी राजस्थानी संस्कृति और परंपरा से कभी दूर नहीं हुईं। जहां भी जाती हैं, वहां अपनी वेशभूषा और रीति-रिवाजों का प्रचार करती हैं।
पिछले साल जब उन्होंने माउंट एटना की चढ़ाई की, तो यूरोप के लोगों ने उनके परिधान को देखकर आश्चर्य जताया। पारंपरिक परिधान पहनना उनके साहस और संस्कारों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
ढोली मीणा ने बताया कि घाघरा-लुगड़ी सिर्फ एक पोशाक नहीं, बल्कि राजस्थान की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उनकी इस अनूठी यात्रा ने राजस्थान ही नहीं, पूरे भारत को गौरवान्वित किया है।
ढोली मीणा की इस उपलब्धि से यह संदेश मिलता है कि संस्कृति और परंपरा को संजोते हुए भी ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। वह बीच पर भी जाती हैं तो बिकनी गर्ल के बीच साड़ी में नजर आती हैं।