राजस्थान के सूरतगढ़ जिले के केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म में हाल ही में हुई एक दिवसीय खुली बोली ने रिकॉर्ड बना दिया है। इस नीलामी में थारपारकर नस्ल की गायों की बिक्री की गई।
इस फार्म में सबसे महंगी गाय 8034 नंबर था, जो 9.25 लाख रुपए में बिकी है। इस गाय को महाराष्ट्र के सतारा जिले के पशुपालक पुष्कर राज मौर्य ने खरीदा।
इस नीलामी में कुल 43 पशुओं की बिक्री से 78.47 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। फार्म के संयुक्त निदेशक डॉ. वी.के. पाटिल के अनुसार, इस बार नीलामी में 65 पशुपालकों ने भाग लिया।
थारपारकर गाय की खासियत यह है कि यह भारत की सर्वश्रेष्ठ दुधारु नस्लों में से एक मानी जाती है। एक वर्ष में औसतन 2092 किलो दूध देती है। गाय एक दिन में 10 से 15 लीटर दूध देती है।
थारपारकर गाय की खासियत यह है कि उसके दूध को बीपी, शुगर, कैंसर और मंदबुद्धि बच्चों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
इस नस्ल की गायों का पालन करना न केवल लाभदायक है, बल्कि ये कठोर परिस्थितियों में भी आसानी से जीवित रह सकती हैं।
इस प्रकार की नीलामियों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय पशुपालन में थारपारकर गायों की मांग लगातार बढ़ रही है।