21 साल की पायलट की दर्दनाक मौत, मरकर भी वो बचा गई कई लोगों की जिंदगी
Rajasthan Dec 18 2024
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:Our own
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ट्रेनी पायलट चेष्टा बिश्नोई की मौत
राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण की रहने वाली 21 वर्षीय ट्रेनी पायलट चेष्टा बिश्नोई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। लेकिन चेष्टा मरकर भी कई लोगों को जीवन दे गई।
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खुद मरकर कईयों को बचा गईं चेष्टा
परिवार ने चेष्टा के सभी अंगों को दान करने का निर्णय लिया, जिससे कई ज़िंदगियों को नया जीवन मिल सके। पुणे के एक अस्पताल में उनकी आंखें, हृदय, किडनी और अन्य अंग डोनेट किए गए।
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चेष्टा त्याग जीवनभर रहेगा याद
चेष्टा का यह प्रेरणादायक कदम समाज को अंगदान के महत्व को समझाने और नई पीढ़ी को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। उनका जीवन भले ही छोटा था, लेकिन काम जिंदगी भर याद रहेगा।
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चेष्टा ने कम उम्र में पूरा किया सपना
चेष्टा का जन्म 5 दिसंबर 2003 को हुआ था। अपनी मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए महाराष्ट्र के पुणे में प्रशिक्षण ले रही थीं।
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गांव पहुंचेगी पायलट की अंतिम यात्रा
चेष्टा की अंतिम यात्रा आज शाम तक उनके पैतृक गांव खेतोलाई पहुंचेगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी मौत पर इलाके के विधायक और सांसद ने शोक व्यक्त किया है।
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9 दिसंबर को हुआ था भयानक एक्सीडेंट
चेष्टा का पुणे में 9 दिसंबर को एक एक्सीडेंट हुआ था। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और चेष्टा गंभीर रूप से घायल थीं। चेष्टा का ब्रेन डेड हो गया था। 17 दिसंबर को सांसे थम गईं।