बेंगलुरु का फेमस इस्कॉन मंदिर काफी बड़ा है। यह 1997 में बनाया गया है। यह भारत के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिरों में शामिल है। मंदिर में बुजुर्गों, विकलांगों के लिए एलिवेटर भी है।
कर्नाटक के हंपी स्थित बाल कृष्ण मंदिर अपनी अनोखी डिजाइन और नक्काशी के लिए जाना जाता है। इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की वेबसाइट में भी शामिल किया है।
मथुरा का द्वारिकाधीश मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। यहां की विशेष आरती देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
वृंदावन का इस्कॉन मंदिर राधा कृष्ण की मनोहारी प्रतिमा के लिए जाना जाता है। इसे कृष्ण बलराम मंदिर के नाम भी जाना जाता है। जन्माष्टमी पर यहां विशेष आयोजन होते हैं।
ये मंदिर 8वीं सदी में बनाया गया था। इस मंदिर की संरचना और यहां स्थापित भगवान की प्राचीन मूर्तियां ही यहां का मुख्य आकर्षण हैं।
वृंदावन का प्रेम मंदिर काफी भव्य है। रात में इस मंदिर की बिजली की रोशनी के आकर्षक सजावट होती है। जन्माष्टमी पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं।
जगन्नाथ मंदिर पुरी को धरती का बैकुंठ कहते हैं। मंदिर करीब 800 साल पुराना है और इसके शिखर पर एक सुदर्शन चक्र है।
राजस्थान के नाथद्वारा में श्री नाथजी मंदिर अपनी आकर्षक मूर्तियों की वजह से प्रसिद्ध है। अंबानी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक शुभ कार्य से पहले इस मंदिर में माथा टेकने आते हैं।
गुजरात में गोमती नदी के किनारे श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर स्थापित है। वर्ष 1772 में इसे बनाया गया था। मंदिर में 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं।
कर्नाटक में उडुपी श्री कृष्ण मठ स्थापित है। मंदिर को 13वीं सदी में बनाया गया था। मंदिर के पास तालाब के पानी में मंदिर की छाया दिखाई देती है।