कोटा के रामगंजमंडी की रहने वाली गौरांशी शर्मा ने हाल ही में ब्राजील में हुए डेफ एंड डम वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में जापान को हराकर गोल्ड मेडल जीता है।
गौरांशी जन्म से ही बोल और सुन नहीं पाती हैं। ऐसे में मुश्किलों का सामना करने के बाद भी उन्होंने कड़ी मेहनत की और बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीत देश का नाम रोशन किया।
गौरांशी इससे पहले 2022 में भी ब्राजील में वर्ल्ड बैडमिंटन प्रतियोगिता में गोल्ड और दो ब्रॉन्ज जीती चुकी हैं। मध्य प्रदेश की ओर से 2020 में गौरांशी को एकलव्य पुरस्कार मिला था।
गौरांशी को उसके माता-पिता शुरुआत में तैराक बनाना चाहते थे। लेकिन उसने हाथों में बैडमिंटन रैकेट थाम लिया। फिर माता-पिता ने भी उसका सपोर्ट किया।
गौरांशी के पिता गौरव शर्मा और मां प्रीति शर्मा भी बोलने और सुनने में असमर्थ हैं। दोनों ने गौरांशी को सफल बनाने के लिए दिन रात मेहनत की और वह उनका नाम रोशन कर रही है।
गौरांशी की पढ़ाई भोपाल के डेफ एंड डंब स्कूल में चल रही है. इसके साथ ही उसे वहां बैडमिंटन की ट्रेनिंग भी जाती है।
गौरांशी शर्मा की कला के कई दिग्गज स्टार खिलाड़ी भी कायल हैं। बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल ने भी गौरांशी की सरहाना कर उनकी हौसलाफजाई की थी।
14 साल की गौरांशी के पदक जीतने के बाद तमाम सामाजिक संगठनों ने भी उनका सम्मान किया।