लक्षद्वीप-मालदीव की इस वक्त देश ही नहीं दुनियाभर में चर्चा है। लेकिन आप जब राजस्थान के स्वर्ग कहे जाने वाले टापू पर जाएंगे तो खुश हो जाएंगे। जहां एंट्री का कोई चार्ज भी नहीं है।
ये टापू राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में बने हुए हैं। जहां पर यह टापू हैं उस सिटी को सौ टापुओं वाला शहर भी कहा जाता है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
दिल्ली से जयपुर एयरपोर्ट और जयपुर से ट्रेन एवं सड़क मार्ग के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के नजदीक जिलों में भी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन हैं।
यहां की लाइफ लाइन माही बांध है, जो बांसवाड़ा से करीब बीस किमी दूर है। राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा बांध और नदी है। नदी आसपास के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र से गुजरती है।
माही नदी के पानी के बीच हरी भरी पहाड़ियों और समुद्र जैसा नजारा लगभग पूरे साल रहता है, इसे चाचा कोट कहा जाता है। उंची पहाड़ियों के बीच पानी ही पानी नजर आता है।
माही नदी और चाचा कोट के अलावा यहां त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर भी है। जहां गहरी आस्था है। बांसवाड़ा... आदिवासी इलाका है। इसे आदवासी राजा बांसिया ने बसाया था।