झारखंड में इन दिनों एक महिला अधिकारी की खूब चर्चा है। यह अधिकारी सुलोचना मीणा, जो वर्तमान में SDM पद पर तैनात हैं और अपनी कार्यशैली से जनता का दिल जीत रही हैं।
सुलोचना मीणा मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के आदलवाड़ा गांव की रहने वाली हैं। कर्मभूमि उन्होंने झारखंड को बनाया है। लेकिन दोनों ही राज्य में उनकी तारीफ हो रही है।
सुलोचना ने सप्ताह में जनता की सुनवाई के दिन बढ़ाकर दो से पांच कर दिए, जिससे अब ज़्यादा लोगों की समस्याओं का समाधान हो पा रहा है। उनकी इस पहल की पूरे झारखंड में प्रशंसा हो रही है
झारखंड में इन दिनों महिला अधिकारी की काम करने की शैली खूब चर्चा में है। सुलोचना मीणा, जो वर्तमान में एसडीएम (SDM) पद पर तैनात हैं और अपनी कार्यशैली से जनता का दिल जीत रही हैं।
सोशल मीडिया पर भी लोग भले ही आज लोग उनकी संवेदनशीलता की तारीफ कर रहे हैं। लेकिन इस कामयाबी के पीछे एक लंबा संघर्ष और मेहनत की कहानी छिपी है।
सुलोचना ने 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की। उनका कहना है कि वह कभी भी टॉपर स्टूडेंट नहीं रही, लेकिन सिविल सेवा में जाने का सपना उन्हें हमेशा से था।
सुलोचनाने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी की है। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की NCETR की किताबें, टेलीग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और अनुशासन ने उन्हें परीक्षा में सफलता दिलाई।
सुलोचना मीणा की कहानी सिर्फ एक IAS अधिकारी बनने की नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार और जनसेवक बनने की मिसाल है। राजस्थान की यह बेटी अब झारखंड में उम्मीद की नई किरण बन चुकी है।
सुलोचना का मानना है कि UPSC में शॉर्टकट नहीं चलता, सिर्फ कड़ी मेहनत और धैर्य ही काम आता है। वह युवाओं को यही संदेश देती हैं कि बिना दबाव में आए, लगातार सीखते रहें।