1. देशभर में एजुकेशन सिटी के नाम से मशहूर कोटा में महज 1 साल में दो दर्जन से ज्यादा स्टूडेंट्स ने सुसाइड कर लिया। ज्यादातर की मौत का कारण डिप्रेशन रहा।
2. राजस्थान में पेपरलीक का मुद्दा गहलोत सरकार में हमेशा चर्चित रहा।पेपरलीक की जड़ों तक पहली बार जांच एजेंसी पहुंची। इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं
3. इस बार राजस्थान को केंद्र में भी कई बड़ी जिम्मेदारियां मिली। झुंझुनू के मूल निवासी जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए। उनकी जीत का अंतर करीब 180 वोटों का रहा।
4.जोधपुर जिले के शेरगढ़ इलाके में शादी वाले घर में सिलेंडर से आग लगने से करीब 35 लोग मारे गए। यह घटना पिछले साल दिसंबर अंत की थी लेकिन जनवरी-फरवरी में चर्चा रही।
5. महिला अपराध के मामले में राजस्थान हमेशा बदनाम रहा। सबसे दिल दहला देने वाला कांड भीलवाड़ा में हुआ। जहां नाबालिग के साथ गैंगरेप कर उसके शव के टुकड़े करके भट्टी में फेंक दिया गया।
6. अशोक गहलोत की सरकार राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून लेकर आई। जिसका राजस्थान के प्राइवेट डॉक्टर ने एक महीने विरोध किया। हालात यहां तक हो गए कि हड़ताल के चलते अस्पताल भी बंद रहे।
7. दिसंबर को जयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या कर दी गई। जिसका विरोध प्रदेश में अब तक जारी है।
8. राजस्थान के लोगों ने सरकार बदलने का रिवाज कायम रखा। कांग्रेस की विदाई हुई और बीजेपी को बंपर जीत मिली। एक बार के विधायक भजनलाल शर्मा को प्रदेश का सीएम बना दिया गया।