अयोध्या राम मंदिर परंपरागत नागर शैली में बना है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। 3 मंजिला मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार बनाए गए हैं।
मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप होगा। पहली मंजिल पर श्रीराम दरबार है। मंदिर में पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से मंदिर में प्रवेश किया जा सकेगा।
मंदिर 70 एकड़ क्षेत्र बना है। मंदिर का 70 प्रतिशत क्षेत्र हरा-भरा रहेगा। मंदिर निर्माण में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर की जमीन पर कंक्रीट भी नहीं बिछाई गई है।
मंदिर में 5 आकर्षक मंडप भी बनाए गए हैं। इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप शामिल हैं।
मंदिर के खंभों और दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर में दिव्यांगजन एवं बुजुर्गों के लिए रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था की गई है।
मंदिर के चारों ओर परकोटा होगा जिसके चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिर बनाए गए हैं।
मंदिर के पास पौराणिक काल का सीताकूप रहेगा। परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, मां शबरी, देवी अहिल्या के मंदिर भी होंगे।
मंदिर के दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर शंकर भगवान के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है। इसमें जटायु प्रतिमा भी बनाया गया है।
मंदिर को जमीन की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। मंदिर परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, पॉवर स्टेशन भी बनाया गया है।
राम मंदिर में 25 हजार क्षमता वाला एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र भी बनाया जा रहा है। दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा सुविधा भी होगी।
मंदिर परिसर में स्नानगृह, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की व्यापक सुविधा रहेगी। मंदिर को भारतीय परम्परानुसार और स्वदेशी तकनीक से बनाया जा रहा।