ताजमहल में हालिया बारिश के बाद दीवारों, फर्श और गुंबदों में दरारें और क्षति देखी गई है। एक्सपार्ट्स और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बीच विवाद छिड़ा है। जाने क्या है पूरा वाकया है?
टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेशनल जनरल सेक्रेटरी शकील चौहान ने बताया कि मुख्य गुंबद के चारों ओर के दरवाजों पर कुरान की आयतें घिस गई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पिएट्रा ड्यूरा टेक्नोलॉजी से जड़े सेमी-प्रेशियस स्टोन भी डैमेज की स्थिति में हैं। पश्चिमी दिशा में शाही मस्जिद के सामने फर्श से पत्थर उखड़ गए हैं।
हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने दावा किया है कि ताजमहल में कोई सीरियस स्ट्रक्चरल प्राॅब्लम नहीं है।ASI ने फंड के मिसमैनेजमेंट और करप्शन के आरोपों को भी खारिज कर दिया है।
ASI ने कहा कि रखरखाव के लिए खर्च का समय-समय पर ऑडिट किया जाता है। सुपरिटेंडिंग आर्कियोलाॅजिस्ट राजकुमार पटेल ने कहा कि कंजर्वेशन वर्क रूटीन प्रॉसेस है।
ASI ने बताया कि बारिश के कारण दीवारों में रिसाव आ गया है, जिन्हें ठीक किया जा रहा है। ताजमहल के बगीचे में पानी भरा था,ASI ने कहा कि यह अस्थायी है और जलनिकासी की व्यवस्था की गई है।