उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। तो कई घायल हुए हैं। देश भर में चर्चा है कि आखिर यह भोले बाबा कौन है।
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बचपन में खेती करते थे नारायण साकार
खुद को स्वयंभू बताने वाले भोले बाबा यूपी के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। वह बचपन में पिता के साथ खेती करते थे। लेकिन बाद में वह पुलिस में भर्ती हो गए।
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भोले बाबा ने आईबी में की नौकरी
भोले बाबा ने 90 के दशक में इंटेलिजेंस ब्यूरो से VRS ले लिया था। इसके बाद वह प्रवचन करने लगे। बाद में अपना नाम बदलकर साकार विश्वहरि रख लिया।
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नारायाण साकार के सत्संग में बड़े-बड़े नेता पहुंचते
बता दें कि भोले बाबा उर्फ नारायाण साकार के सत्संग में कई बड़े-बड़े नेता पहुंचते थे। लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं। उनके हर समागम में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है।
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भोले बाबा की खुद की अपनी आर्मी
भोले बाबा की खुद की अपनी आर्मी है, जिन्हें सेवादार कहा जाता है। यह आर्मी काले रंग की पोशाक में रहती है। सिर पर कले कपड़ा का साफा और हाथ में गन रखते हैं।
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भोले बाबा की सफेद सूट-बूट वाली पोशाक
यह भोले बाबा सांधु-संतो वाली पोशाक में नहीं, बल्कि सफेद सूट और सफेद जूते में नजर आते हैं। सिर पर एक सफेद टोपी भी होती है। अंदाज एकदम हीरो वाला होता है।