महाकुंभ 2025 में कितने महिला और पुरुष बनें नागा संन्यासी
Uttar Pradesh Jan 20 2025
Author: Bimla Kumari Image Credits:Our own
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दोनों का कराया जाता है मुंडन
महिला और पुरुष दोनों को नागा संन्यासी बनाने की प्रक्रिया में कुछ चीजें एक जैसी होती हैं। जैसे इस प्रक्रिया में दोनों का मुंडन कराया जाता है, गंगा में शपथ ली जाती है।
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पूर्वजों का पिंडदान
जब कोई नागा संन्यासी बनता है तो सबसे पहले विजया हवन संस्कार करना होता है। विजया हवन का मतलब है कि हम अपना और अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं।
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प्राणों की आहुति देने का भी व्रत लेते
सभी अनुष्ठान पूरे करने के बाद वे नागा साधु बन जाते हैं। इस दौरान वे सनातन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का भी व्रत लेते हैं।
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इन साधुओं को अखाड़े से निकाल दिए जाते हैं
वे कभी घर नहीं जाते और न ही विवाह करते हैं। ये सभी व्रत नागा साधु बनने के बाद लिए जाते हैं। अगर कोई व्रत तोड़ता है, जैसे अपने घर जाना, तो उसे अखाड़े से निकाल दिया जाता है।
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महिला नागा साधुओं की संख्या में हुई वृद्धि
जूना अखाड़े ने करीब 100 महिलाओं को नागा साधु बनने की दीक्षा दी। इन सभी महिलाओं का पहले मुंडन संस्कार कराया गया और फिर उन्हें गंगा स्नान कराया गया।
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वैदिक मंत्रों के साथ दी जाती है दीक्षा
स्नान के बाद इन महिलाओं को वैदिक मंत्रों के साथ दीक्षा दी गई और गुरुओं ने महिला नागा साधुओं को धार्मिक आचार संहिता और अपने जीवन के प्रति पूर्ण समर्पण की शपथ दिलाई।
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महिलाओं को भी 108 बार दिलाई गई शपथ
अखाड़े के ध्वज के नीचे अनुष्ठान किए गए और फिर इन महिलाओं को गुरु के वचन सुनाए गए। इसके बाद भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। पुरुष नागा साधुओं की तरह महिलाओं को भी 108 बार शपथ दिलाई गई