Hindi

Krishna Janmashtami : वृंदावन बांके बिहारी का विग्रह क्यों है अद्भुत?

Hindi

वृंदावन बांके बिहारी

उत्तर प्रदेश के मथुरा का वृंदावन श्रीकृष्ण भक्तों के लिए बेहद खास है। यहां हर साल जन्माष्टमी सबसे अलग ढंग से मनाई जाती है। बांके बिहारी की प्रतिमा काफी अद्भुत और अलौकिक है।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

राधा-कृष्ण के दर्शन

वृंदावन बांके बिहारी का विग्रह काले रंग का है। यह देखने में बेहद खूबसूरत है। इसमें राधा रानी की झलक भी मिलती है। इस विग्रह में राधा-कृष्ण के दर्शन एक साथ होते हैं।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

बांके बिहारी का त्रिभंग स्वरूप

वृंदावन में बांके बिहारी त्रिभंग स्वरूप में हैं। मतलब उनके सिर, कमर और पैर मुड़े हुए हैं, जो इस विग्रह को खास बनाता है।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

बांके बिहारी के चरण दर्शन

वृंदावन में बांके बिहारी के चरण दर्शन साल में सिर्फ एक बार होते हैं। सिर्फ अक्षय तृतीया पर ही भक्तों को चरण दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

वृंदावन बांके बिहारी की मुरली

वृंदावन में बांके बिहारी के हाथ में मुरली भी सिर्फ शरद पूर्णिमा को ही पकड़ाई जाती है। उनका यह स्वरूप अविस्मरणीय होता है।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

निधिवन में था बांके बिहारी का विग्रह

पहले बांके बिहारी का विग्रह वृंदावन के ही निधिवन में था। 15वीं शताब्दी में प्रसिद्ध संत स्वामी हरिदास ने सबसे पहले इस विग्रह का वर्णन किया था।

Image credits: Instagram@vrindavan_bankebihari
Hindi

बांके बिहारी मंदिर का निर्माण

संत हरिदास के शिष्य जगन्नाथ दास ने 1864 में बांके बिहार मंदिर का निर्माण करवाया था और विग्रह को मंदिर में रखा था। मंदिर का मौजूदा स्ट्रक्चर का काम 1917 में पूरा हुआ।

Image Credits: @Viral