मुख्तार अंसारी विधायक होने के साथ ही गैंगस्टर भी था। इस कारण राजनीति जगह से लेकर अपराध की दुनिया तक उसका दबदबा था। यही कारण था कि लोग उसके भय से कांपते थे।
मुख्तार की मौत की खबर मिलने पर कई लोगों का यही कहना था कि उसे उसके गुनाहों की सजा मिली है। उसका ऐसा आतंक था कि लोग उससे प्रताड़ित होने के बाद भी उसके खिलाफ शिकायत नहीं कर पाते थे।
मुख्तार अंसारी को दो नाली बंदूक का फर्जी तरीके से लाइसेंस लेने के मामले में उम्रकैद की सजा और 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
मुख्तार अंसारी को पिछले डेढ़ साल में आठ मामलों में सजा सुनाई गई थी। जिसमें कई मामलों में उम्रकैद की सजा हुई थी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में भी मुख्तार को उम्रकैद की सजा हुई थी।
मुख्तार अंसारी को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी उम्रकैद की सजा हुई थी।
मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रहा। ऐसे में अपराध से लेकर राजनीति जगत तक में होने वाले किसी भी फैसले को बगैर मुख्तार की मंजूरी के नहीं किया जाता था।
मुख्तार अंसारी उम्रकैद होने पर बांदा जेल में बंद थे। गुरुवार यानी 28 मार्च को हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया था। जहां उनकी मौत हो गई।