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फेमस है यहां की जूता मार होली, भैंसे पर बिठाकर निकालते हैं बारात

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शाहजहांपुर में जूतामार होली की परंपरा

शाहजहांपुर में जूतामार होली खेलने की पुरानी परंपरा है। इसमें एक व्यक्ति को अंग्रेज बनाकर उसे झाड़ू और जूते से पीटने के साथ होली खेली जाती है। सालों से ये परंपरा आज तक कायम है। 

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लाट साबह होली के नाम से भी फेमस

शाहजहांपुर की जूतामार होली को लाट साहब होली के नाम से भी जानते हैं। इस होली में अंग्रेजों के प्रतीक के रूम में व्यक्ति को लाट साहब बनाकर उसे जूतों की माला पहनाई जाती है।

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जूते और झाड़ू से लाट साहब को पीटने की परंपरा

शाहजहांपुर की जूतामार होली में लाट साहब को झाड़ू और जूते से पीटा जाता है। इसके साथ ही लाट साहब को भैंसे पर बैठाकर घुमाया जाता है। हुड़दंगी अंग्रेजों को अपशब्द भी कहते हैं। 

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फूलमती देवी मंदिर से बाबा विश्वनाथ मंदिर तक जुलूस

होली पर हर साल जूतामार होली पर हर साल फूलमती देवी मंदिर से लेकर बाबा विश्वनाथ मंदिर तक लाटसाहब जुलूस निकाला जाता है। 

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होली की मस्ती में डूबे रहते हैं होलियारे

जूतामार होली की परंपरा के बीच पुरुष और महिलाएं होली के रंगों में डूबे नजर आते हैं। लाट साहब जुलूस वर्ष 1729 से निकाला जा रहा है जब अंग्रेजों का शासन था।   

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अंग्रेजों के प्रति विरोध जताने की परंपरा है लाट साहब जुलूस

अंग्रेजों के प्रति नाराजगी जताने के उद्देश्य से ही यह जूतामार होली की परंपरा है। यहां अंग्रेज बने लाट साहब को जूते और झाड़ू से पीटकर उनका विरोध किया जाता है।

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पीएसी और आरएएफ की निगरानी में जुलूस

होली के हुड़दंग और परंपरा के नाम पर कुछ हंगामा न हो इसलिए जुलूस के दौरान आरएएफ और पीएसी के जवान तैनात रहते हैं।

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होली पर जमकर उड़ते हैं रंग गुलाल

शाहजहांपुर की इस होली में परंपरा से इतर सड़कों पर होलियारों की टोली के साथ जमकर मस्ती होती है। हर तरफ रंग-गुलाल उड़ता है।

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