ताजमहल की टिकट बिक्री से तीन सालों में 91 करोड़ रुपये की कमाई हुई, लेकिन संरक्षण पर मात्र 10% खर्च। आरटीआई से हुआ खुलासा, संरक्षण की जरूरत पर उठे सवाल।
दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताजमहल न केवल भारतीय धरोहर है बल्कि यह ASI की कमाई का बड़ा जरिया भी है। इसके संरक्षण और देखभाल में खर्च होने वाली राशि कमाई का महज 10% ही है।
आरटीआई से मिली जानकारी में यह तथ्य उजागर हुआ है कि 2020-2023 के बीच ताजमहल से टिकट बिक्री के जरिए ₹91.23 करोड़ की कमाई हुई, लेकिन संरक्षण पर केवल ₹9.41 करोड़ ही खर्च हुए।
RTI के अनुसार कोविड से पहले ताजमहल के संरक्षण पर ज्यादा खर्च आता था। 2017-2020 के दौरान ₹34.27 करोड़ कमाई और ₹12.37 करोड़ संरक्षण पर खर्च हुए। लेकिन कोविड के बाद यह अंतर बढ़ गया।
गुंबद पर उगे पौधे, दरकते पत्थर और यमुना किनारे की दीवारों पर कीड़े के निशान ये सभी ताजमहल के संरक्षण की अनदेखी बताते हैं। सोशल मीडिया पर इन खामियों की तस्वीरें खूब चर्चा में रहीं।
पर्यटकों को लंबी कतारों, पानी की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव परेशान करता है। होटल एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश चौहान के अनुसार कमाई के अनुसार संरक्षण और सुविधाओं पर खर्च होना चाहिए।
आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल और अन्य विशेषज्ञों ने ताजमहल के संरक्षण और पर्यटकों की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देने की सिफारिश की है।
व्हीलचेयर की संख्या बढ़ाने, संग्रहालय को आकर्षक बनाने, और गुंबद पर नियमित सफाई की जरूरत बताई।
आगरा एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन के अनुसार गुंबद पर पेड़ हो या पत्थर का गिरना, इनसे पर्यटक के मन में खराब छवि बनती है, जो बरकरार रहती है।
ताज के संरक्षण के साथ बुनियादी जरूरतों पर काम करने की जरूरत है, अन्यथा इसका बुरा असर पड़ना तय है।