ज्ञानवापी परिसर सर्वे के कारण फिर से विवादों में है। मई, 2022 में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण में मस्जिद परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया गया था
ज्ञानवापी को लेकर विवाद की शुरुआत 18 अगस्त, 2021 से हुई थी, पहली बार परिसर का सर्वे हुआ था, अब 21 जुलाई, 2023 को वाराणसी कोर्ट ने सर्वे का फैसला दिया था
वाराणसी कोर्ट ने ASI को वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है, हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के नीचे शिव मंदिर दफन है
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ विवादित मस्जिद भी है, ज्ञानवापी शब्द ज्ञान+वापी से बना है, जिसका मतलब है ज्ञान का तालाब
ASI ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी GPR या जिओ रेडियोलॉजी सिस्टम या दोनों का प्रयोग करके सर्वेक्षण करती है, इससे पता चलता है कि अस्तित्व कितना पुराना है
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया है, कोर्ट ने 16 मई, 2022 को वजूखाने को सील करवा दिया था। मुस्लिम पक्ष पुराना फव्वारा होने की बात करता है
शिवपुराण, लिंग पुराण व स्कंद पुराण में काशी विश्वनाथ मंदिर का जिक्र है, पुराणों के आधार पर ज्ञानवापी मंदिर का निर्माण 1500-1700 साल पहले हुआ था
क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में कई मंदिरों के साथ वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर को भी तोड़कर उस पर मस्जिद बनवा दी थी