Google Play Store पर ऐप की डेवलपर की जानकारी चेक करें। जाने-माने डेवलपर्स या कंपनी के ही ऐप पर भरोसा करें।
जब भी प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करें तो उसकी रेटिंग और रिव्यू जरूर पढ़ें। अगर रिव्यू ज्यादा बेहतर भी दिखे तो भी अलर्ट रहें।
कोई ऐप कितनी बार डाउनलोड हुआ है, यह भी उसके रियल और फेक होना बताता है। ज्यादा डाउनलोड से ऐप के असली होने की संभावना ज्यादा है।
गूगल प्ले स्टोर पर दिए गए ऐप के Description और स्क्रीनशॉट को चेक करें। मात्रा में ज्यादा गलतियां ऐप के नकली होने का संकेत हो सकता है।
किसी ऐप को इंस्टॉल करने पर कुछ परमिशन मांगी जाती है। अगर ऐप गैर जरूरी या अत्यधिक परमिशन मांगता है तो सावधान हो जाएं।
ऐप प्ले स्टोर के बाहर किसी आधिकारिक वेबसाइट पर है क्या, इसकी भी जांच करें? रियल ऐप्स में इसकी एक्स्ट्रा जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट्स पर होती है।
कुछ पॉपुलर ऐप्स में फेक या क्लोन वर्जन भी हो सकते हैं। चेक करें ऐप आधिकारिक डेवलपर से डाउनलोड कर रहे हैं या किसी थर्ड पार्टी की क्लोन है।
अगर आपको लग रहा है ऐप फेक है तो डेवलपर या कंपनी के बारे में तुरंत ऑनलाइन सर्च करें। यूजर्स के निगेटिव रिव्यू पर ध्यान दें।
कोई भी ऐप सिर्फ डायरेक्ट गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें। अननोन सोर्स से APK फाइल्स डाउनलोड करने से बचें। उनमें मैलवेयर या फेक ऐप्स हो सकते हैं।
नकली ऐप्स या मैलवेयर से बचने के लिए अपने मोबाइल फोन या डिवाइस में कोई भरोसेमंद एंटीवायरस या सेफ्टी ऐप इंस्टॉल करें।