अगर आप व्हिस्की, वाइन, वोदका या बीयर की बोतल डीप फ्रीजर में रख देते हैं तो बीयर को छोड़ ज्यादातर जमकर बर्फ नहीं बनते हैं। वाइन-वोदका थोड़ी गाढ़ी जरूर हो जाती है।
विज्ञान के मुताबिक, शराब, वाइन और वोदका तीनों पर्याप्त ठंडे तापमान में जमकर बर्फ बन सकते हैं। अब हमारे घरों या वाइन शॉप्स का रेफ्रिजरेटर इन्हें जमाने में सक्षम नहीं होते हैं।
विज्ञान कहता है कि हर लिक्विड के जमकर बर्फ बनने का अलग-अलग कारण होता है। उसके जमने का मतलब उसके अणुओं का आपस में जुड़ना और ठोस बन जाता है।
शराब में कई ऑर्गेनिक मॉलीक्यूल होते हैं, जो डीप फ्रीजर में इसे जमने नहीं देते। लिक्विड का तापमान कम होने से आंतरिक ऊर्जा कम होती है। शून्य पर जाने सेजुड़कर ठोस आकार ले लेते हैं।
सभी तरल पदार्थ का अपना अलग हिमांक (Freezing Point) होता है। पानी का हिमांक शून्य होता है। हमारे घरों में मौजूद फ्रिज का तापमान शून्य से 3 डिग्री सेल्सियस होता है।
डीप फ्रीजर का टेंपरेचर -10 से -30 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जबकि शराब का हिमांक -114 डिग्री सेल्सियस होता है। इसलिए डीप फ्रीजर में भी यह नहीं जम पाता है।
हिमांक लिक्विड के अणुओं के बीच आकर्षण पर निर्भर होता है। विज्ञान के अनुसार, इथेनॉल के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है। उसके अणु जुड़े ही नहीं होते हैं।
शुद्ध अल्कोहल यानी इथेनॉल का हिमांक -173 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। बार में शुद्ध इथेनॉल नहीं मिलता है। अल्कोहल की मात्रा जितनी कम होती है, हिमांक भी उतना ही ज्यादा रहता है।
बीयर में 3-12% तक अल्कोहल होता है। यह करीब 28 डिग्री फॉरेनहाइट यानी -2.2 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर पर जम सकती है। इसलिए बीयर को डीप फ्रीजर में स्टोर नहीं की जाती।
वाइन का हिमांक -5 डिग्री सेल्सियस होता है। अगर वाइन की 750 मिली बोतल फ्रीजर में रख दें तो करीब 5 घंटे के बाद यह जम जाएगी। हालांकि, बोतल का आकार अलग-अलग होता है।