दिल्ली में मंगलवार दोपहर आए भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है।
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर पैमाने (Richter Scale) का इस्तेमाल किया जाता है। इससे देखा जाता है कि भूकंप कितनी जोर से आया था। मैग्नीट्यूड और इंटेंसिटी जाना जाता है।
जब धरती कांपती है, तब तरंगों के रूप में एनर्जी निकलती है। उन तरंगों से Seismograph से भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जाता है। इससे भूकंप के केंद्र का पता चलता है।
किसी भी मकान या बिल्डिंग का गिरना भूकंप ही नहीं कई और चीजों पर निर्भर करता है। जिसमें उसकी बनावट अहम होती है। भूकंप का केंद्र, उसका एपीसेंटर और तीव्रता भी अहम होते हैं।
सामान्य तौर पर 8 मैग्नीट्यूड से ज्यादा के भूकंप में किसी बिल्डिंग के गिरने का खतरा रहता है। लेकिन अगर केंद्र के पास बिल्डिंग है तो कम तीव्रता पर भी जानमाल का नुकसान हो सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2.5 और इससे कम तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता है। 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप माइनर कैटेगरी में आते हैं।
5.5 से 6 तीव्रता वाला भूकंप हल्का खतरनाक, 6-7 तीव्रता का भूकंप ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में थोड़ा खतरनाक, 7 से 7.09 के भूकंप में बिल्डिंगों में दरार और गिरने का खतरा रहता है।
अगर भूकंप की तीव्रता 7.09 से ज्यादा है तो वह काफी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे भूकंप कई-कई साल में एक बार ही आते हैं।