दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसौदिया को 17 महीने जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।
सिसौदिया को सशर्त जमानत दी गई है, जिसमें 2 लाख रुपये का जमानत बांड भरना होगा। उन्हें देश छोड़ने की परमिशन नहीं होगी, पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
सिसोदिया कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े दो मामलों में जमानत मांग रहे थे, एक मामला सीबीआई द्वारा दायर किया गया था और दूसरा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर किया गया था।
सिसोदिया के खिलाफ आरोपों में कथित मनी लॉन्ड्रिंग और करप्शन के आरोप शामिल हैं।
सीबीआई ने 29 जुलाई को मामले में अपनी अंतिम चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें आरोपी के रूप में सिसौदिया का नाम नहीं था।
सीबीआई ने आरोप पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप विधायक दुर्गेश पाठक सहित पांच अन्य को आरोपी बनाया है।
शराब नीति मामला 2021-22 के लिए था। हालांकि इसे अब खत्म कर दिया गया है। दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं।
मनीष सिसोदिया को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था और वह 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत देने से इंकार करना सिस्टम का हिस्सा नहीं हो सकता है। अदालतों को सेफ गेम खेलना बंद करना होगा।