आकाशीय बिजली काफी पावरफुल होती है। वैज्ञानिक लंबे समय से आसमानी बिजली को धरती पर लाकर इलेक्ट्रिसिटी में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
80 के दशक से ऐसा सिस्टम बनाने की कोशिश है कि आसमानी बिजली को इलेक्ट्रिसिटी में बदलकर बिजली सप्लाई की जा सके। हालांकि इसमें कई प्रैक्टिकल मुश्किलें हैं।
आसमानी बिजली की एक किरण से न्यू मैक्सिको के औसत आकार वाले शहर Santa Fe को एक मिनट तक पूरी तरह रोशन किया जा सकता है।
आकाशीय बिजली की क्षमता 1 से 30 गिगावाट तक हो सकती है। एक गिगावाट में 10 लाख वाट होते हैं। इतनी एनर्जी को कहीं स्टोर करने में परेशानी आ रही है।
घरों में 60-100 वाट के बल्ब जलते हैं। मतलब आसमानी बिजली से एक साथ ऐसे 1.2 करोड़ बल्ब जला सकते हैं। एक छोटे शहर को 24 घंटे बिजली मिल सकती है।
आकाशीय बिजली काफी ताकतवर होती है लेकिन घरती तक पहुंचते-पहुंचते इसकी ऊर्जा काफी कम हो जाती है। 2007 में इसका एक प्रयोग फेल भी हो चुका है।
लाइटनिंग रिसर्च लैबोरेटरी के को-डायरेक्टर मार्टिन एक उमान के मुताबिक, एक आसमानी बिजली में एक एटम बम जितनी पावर होती है।
आसमानी बिजली की ऊर्जा को स्टोर करना कठिन है। जमीन तक आते-आते यह कमजोर भी हो जाती है। साइंटिस्ट को उम्मीद है एक दिन इससे इलेक्ट्रिसिटी जरूर बनेगी।
इस ऊर्जा को किसी तरह हाइड्रोजन में बदला जाए या इंडक्टर से इसकी ऊर्जा को जमा कर मैकेनिकल ऊर्जा में बदला जाए। कई प्रयोग हुए लेकिन सब फेल रहे।