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Chandrayan 3: लूना 2 से चंद्रयान 2 तक, दुनिया के 10 सबसे बड़े मून मिशन

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लूना 2

Luna 2 मून मिशन 1959 में चंद्रमा की कक्षा में जाने वाला पहला कृत्रिम उपग्रह था। मिशन से पता चला था कि चंद्रमा की सतह पर कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं है।

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लूना 3

लूना 2 की सफलता के बाद सोवियत संघ ने 1959 में Luna 3 लॉन्च किया था। जिसने चंद्रमा की कई तस्वीरें लीं। पता चला चंद्रमा की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं।

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सर्वेयर प्रोग्राम

1966-1968 तक चंद्रमा पर नासा ने Surveyor Program चलाया। 7 मानव रहित विमान भेजे गए। सभी ने वहां की मिट्टी की यांत्रिकी-थर्मल विशेषताओं का डेटा जुटाया।

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अपोलो 8

1968 में पहली बार मानव यान Apollo 8 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा। फ्रैंक बोरमैन, जेम्स लोवेल, विलियम एंडर्स इसमें शामिल थे। आगे के मिशन के लिए यह आधार बना।

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अपोलो 11

1969 में लॉन्च Apollo 11 अमेरिका का ऐसा अंतरिक्ष मिशन था, जिसमें पहली बार चांद की सतह पर इंसानी कदम पहुंचे। नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन थे।

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अपोलो 13

1970 में Apollo 13 लॉन्च हुआ। हालांकि, यह फेल हो गया। चांद की ओर बढ़ते समय यान के ऑक्सीजन टैंक में विस्फोट हुआ। NASA ने बीच में ही इसे रद्द कर दिया।

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अपोलो 15

Apollo 15 नासा का खास मिशन था। 1971 में लूनर रोवर चांद पर उतरा, जिससे चंद्रमा की सतह के बारे में कई अहम जानकारियां जुटाने में मदद मिली।

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अपोलो 17

NASA ने 1972 में अंतिम अपोलो मिशन Apollo 17 लॉन्च किया। चंद्रमा पर चला यह अब तक का सबसे लंबा मिशन था। कई जानकारियां जुटाई गई थी।

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चांग’ई 4

2019 में चीन का Chang'e 4 मिशन चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा। इस मिशन ने चंद्रमा के भू-विज्ञान और संरचना के बारे में कई जानकारियां दीं।

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मिशन चंद्रयान

2008 में भारत का पहला चंद्रयान सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतरा। इसी ने चांदपर पानी की खोज की। 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया।

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