डेथस्टॉकर दुनिया का सबसे जहरीला बिच्छू है। यह डंक मार दे तो इतना अधिक दर्द होता है कि लोग मौत मांगने लगते हैं। यह अफ्रीका और अरब के रेगिस्तानों में रहता है।
यह उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में रहता है। इलाज नहीं होने पर इसके जहर से 2-7 घंटे में इंसान की मौत हो सकती है। यह एक डंक में 4.25 mg तक जहर इंजेक्ट कर सकता है।
इस बिच्छू के जहर में कार्डियोटॉक्सिन, मायोटॉक्सिन और न्यूरोटॉक्सिन होते हैं। इलाज नहीं हुआ तो पीड़ित की मौत हो सकती है।
यह बिच्छू दक्षिण अमेरिका खासतौर पर ब्राज़ील में पाया जाता है। इसका जहर मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। समय पर इलाज न किया जाए तो दिल काम करना बंद कर देता है।
ये दक्षिणी अफ्रीका में पाए जाते हैं। इसके डंक मारने पर हाइपरएस्थीसिया, ऐंठन, दर्द और पेरेस्थीसिया हो जाता है। इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है।
यह उत्तरी अमेरिका का सबसे विषैला बिच्छू है। इसका जहर बहुत दर्दनाक हो सकता है। इससे उल्टी, झुनझुनी, सुन्नता और सांस लेने में तकलीफ होती है।
यह भारत, नेपाल और आसपास के देशों में पाया जाता है। इसका डंक लगने पर बहुत अधिक दर्द होता है। इलाज न किया जाए डंक घातक हो सकता है।
यह अफ्रीका के वर्षा वनों और सवाना के पास पाया जाता है। इसका जहर हल्का होता है। इससे इंसान की मौत नहीं होती। उसे बहुत अधिक दर्द जरूर होता है।
यह काफी आक्रामक होता है। यह वियतनाम और एशिया के कुछ क्षेत्रों में अधिक मिलता है। इसके डंक से होने वाला दर्द कई दिनों तक रह सकता है।